हर वक्त का एक रावण होता है और रावण का भी एक वक्त होता है, तब के रावण और आज के रावण में बहुत फर्क है| तब का रावण आज के लोगों से बहुत भला था, अगर आज मनुष्य रावण जैसा भी हो जाए तो दुनिया की काफी समस्या समाप्त हो जाए |
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| Ram Ravan Yudha Source- Web |
रावण होने के लिए रावण जैसा पुरुषार्थ होना चाहिए, जिसके घर पर ब्रह्माजी भी दैनिक कार्य करने जाते हो इतना महान बलसाली शासक जिसने सीता का हरण किया परंतु वरण नहीं किया, जिस देश में हर 30 मिनट में एक महिला का रेप हो उस देश को रावण जलाने का कोई अधिकार नहीं है |
रावण होने का मतलब यह भी है कि अपनी परिवार रक्षा के लिए पूरी दुनिया से लड़ जाना फिर सामने चाहे विष्णु अवतार श्रीराम ही क्यों न, थोड़ा सा यश पानी पर ही अपनों को भूल जाने वालों आपको भी रावण जलाने का कोई अधिकार नहीं है | रावण के तो सिर्फ दस सर थे, जो दिखते थे । अब तो लोगों के अनगिनत सर हैं जो नही दिखते है रावण को जलाने से पहले।
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| Shri Ram Source- Web |
हमें इस बात पर अवश्य विचार करना चाहिए कि हम जो भी कर रहे है वो सब सही है कर रहे है।
अंत में सिर्फ इतना कि सबके अपने अपने राम, सबके अपने अपने रावण। विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं, हमें अपने अंदर के रावण को भी जलाना हैं इस बार। अलविदा फिर मिलते हैं।

